मुझे बदनाम किया जा रहा है… वा रे नचनियो 🙏🥰
आजकल का दौर बड़ा अजीब है। अगर आप चुपचाप अपने काम से काम करें, तब भी लोग आपको बदनाम करने का कोई न कोई तरीका ढूंढ ही लेते हैं। और अगर आप थोड़ा अलग, थोड़ा कड़क और थोड़ा चर्चा में रहने वाले हो जाएँ — तो समझ लीजिए, बदनामी पक्की है 😄
मुझे बदनाम किया जा रहा है… वा रे नचनियो 🙏🥰
लेकिन सच कहूँ तो इस बदनामी में भी मज़ा आने लगा है। क्योंकि जब लोग बातें बनाने लगते हैं, तो समझ जाइए कि आप कुछ सही कर रहे हैं।
बदनामी या पॉपुलैरिटी?
आज के सोशल मीडिया वाले ज़माने में बदनाम होना भी एक तरह की पहचान बन चुका है। लोग वही चीज़ ज्यादा देखते हैं, ज्यादा शेयर करते हैं और ज्यादा चर्चा में लाते हैं, जो थोड़ी हटके हो।
और फिर वही लोग कहते हैं—
"साला पर एक नम्बर कड़क माल है रे बाबा" 😎🔥
मतलब आलोचना भी हो रही है और तारीफ भी… बस फर्क इतना है कि बोलने का तरीका अलग है।
मार्केट में न्यू लॉन्च 😍
अब ज़रा सोचिए, जब किसी चीज़ की इतनी चर्चा हो रही हो, तो डिमांड कैसे नहीं बढ़ेगी?
जिसको भी चाहिए, आजावों मार्केट में — न्यू लॉन्च हुआ है 🥰🥰
चाहे बात किसी इंसान की हो, किसी सोच की हो या किसी टैलेंट की — अगर वो दमदार है, तो लोग खुद-ब-खुद आकर्षित हो जाते हैं। बदनाम करने वाले बस फ्री का प्रमोशन कर देते हैं।
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देसी अंदाज़, कड़क कंटेंट
इस पूरे किस्से में सबसे मज़ेदार बात ये है कि देसी अंदाज़ में कही गई बात सीधे दिल पर लगती है। ना ज़्यादा फिल्टर, ना ज़्यादा बनावट — जो है, वही है।
आज के समय में लोग उसी चीज़ से जुड़ते हैं जो रियल हो, जो कड़क हो और जो दिल से निकली हो।
निष्कर्ष
अगर आपको भी कोई बदनाम कर रहा है, तो घबराइए मत। मुस्कुराइए 😄🙏
क्योंकि हो सकता है वो बदनामी ही आपकी सबसे बड़ी पहचान बन जाए।
तो आखिर में बस इतना ही कहेंगे —
मुझे बदनाम किया जा रहा है…
वा रे नचनियो 🙏🥰
साला पर एक नम्बर कड़क माल है रे बाबा 😎🔥
जिसको भी चाहिए आजावों मार्केट में — न्यू लॉन्च हुआ है 🥰🥰
क्योंकि जो कड़क होता है, वही बिकता है 😉🔥
